THE BASIC PRINCIPLES OF SHIV CHAISA

The Basic Principles Of Shiv chaisa

The Basic Principles Of Shiv chaisa

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पूजन रामचन्द्र जब कीन्हा। जीत के लंक विभीषण दीन्हा॥

सहस कमल में हो रहे धारी। कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी॥

नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे। सागर मध्य कमल हैं जैसे॥

त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई। सबहिं कृपा कर लीन बचाई॥

आप जलंधर असुर संहारा। सुयश तुम्हार विदित संसारा॥

दुष्ट सकल नित मोहि सतावै । भ्रमत रहे मोहि चैन न आवै॥

ॠनियां जो कोई हो अधिकारी। पाठ करे सो पावन हारी॥

वेद माहि महिमा तुम गाई। अकथ अनादि भेद नहिं पाई॥

पुत्र होन कर इच्छा जोई। निश्चय शिव प्रसाद तेहि more info होई॥

नमो नमो जय नमः शिवाय। सुर ब्रह्मादिक पार न पाय॥

जय हनुमान ज्ञान गुन सागर । जय कपीस तिहुँ लोक उजागर ॥ राम दूत अतुलित बल धामा

श्री गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान।

त्रयोदशी ब्रत करे हमेशा। तन नहीं ताके रहे कलेशा॥

देवन जबहीं जाय more info पुकारा। तब ही दुख प्रभु आप निवारा॥

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